ईश्वर से घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करने 50 दिनों की साधना

50 Days Meditation to an Intimate Relationship with God in Hindi

हर व्यक्ति चाहता है कि वह ईश्वर से एक घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित कर दे। लेकिन हम अधिक्तर ईश्वर से नहीं बल्कि अपने से प्रार्थना में बात करते हैं।
इसके कारण, हम वास्तव में ईश्वर का अनुभव नहीं कर पाते हैं। संत इग्नेशियस द्वारा स्थापित इस साधना के सहारे 50 दिनों की साधना कर हम ईश्वर के लिए अपने हृदय को खोल देंगे। इसके फल-स्वरुप, हम ईश्वर से एक घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करने में सक्षम होंगे।

50 दिनों की इस साधना के पहले दिन सन्त मत्ती 6:1–6, 16–18 पर आधारित है।

भिक्षा-दान
1) “सावधान रहो। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो, नहीं तो तुम अपने स्वर्गिक पिता के पुरस्कार से वंचित रह जाओगे।

2) जब तुम दान देते हो, तो इसका ढिंढोरा नहीं पिटवाओ। ढोंगी सभागृहों और गलियों में ऐसा ही किया करते हैं, जिससे लोग उनकी प्रशंसा करें। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।

3) जब तुम दान देते हो, तो तुम्हारा बायाँ हाथ यह न जानने पाये कि तुम्हारा दायाँ हाथ क्या कर रहा है।

4) तुम्हारा दान गुप्त रहे और तुम्हारा पिता, जो सब कुछ देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।

प्रार्थना
5) “ढोगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्द करते हैं, जिससे लोग उन्हें देखें। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।

6) जब तुम प्रार्थना करते हो, तो अपने कमरें में जा कर द्वार बंद कर लो और एकान्त में अपने पिता से प्रार्थना करो। तुम्हारा पिता, जो एकांत को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।

उपवास
16 ढोंगियों की तरह मुँह उदास बना कर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिससे लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहें हैं। मैं तुम लोगों से यह कहता हूँ – वे अपना पुरस्कार पा चुके हैं।

17) जब तुम उपवास करते हो, तो अपने सिर में तेल लगाओ और अपना मुँह धो लो,

18) जिससे लोगों को नहीं, केवल तुम्हारे पिता को, जो अदृश्य है, यह पता चले कि तुम उपवास कर रहे हो। तुम्हारा पिता, जो अदृश्य को भी देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।

अन्य दिनों के वीडियोस यहाँ मिलेंगे