प्रभु येसु का परम पवित्र शरीर और रक्त

Corpus Christi in Hindi

पवित्र यूखरिस्त ही ऐसे एकमात्र ऐसा संस्कार है जिसके लिए एक त्योहार है। हालांकि पवित्र कलीसिया पुण्य गुरुवार को पवित्र यूखरिस्त की स्थापना दिवस मानती है, एक विशेष पर्व इस महान रहस्य को मानाने रखा गया है | यह पर्व Latin में “Corpus Christi” “कॉर्पस क्रिस्टी” के नाम से जाना जाता है |

पूजन पद्धति के अनुसार – साइकिल ए हमें इस विषय पर चिंतन करने के लिए आमंत्रित करता है – हमारे भोजन और पेय के रूप में पवित्र यूखरिस्त । साइकिल बी विधान के संकेत के रूप में पवित्र यूखरिस्त पर जोर देता है। और साइकिल सी का फोकस प्रभु येसु के पुरोहिताई पर है ।

पवित्र यूखरिस्त कलीसिया का हृदय है।

पिता ईश्वर पवित्र आत्मा की शक्ति से, पवित्र कलीसिया के माध्यम से प्रभु येसु के संपूर्ण जीवन को प्रस्तुत करते हैं और हमें उसमें सहभागी होने का अनुग्रह प्रदान करते हैं । यह देहधारण की घटना के सामान ही है जहाँ पवित्र आत्मा की शक्ति से शब्द देह बना और हमारे बीच निवास किया |

कलवारी बलिदान विधानों का विधान है | इसलिए हर पवित्र यूखरिस्तीय (मिस्सा) बलिदान उस विधान का नवनीकरण है |

पुराने विधान के हर विधान एक दूसरे से बहुत ही गहराई से जुड़े हैं और वे सब प्रभु येसु के कलवारी विधान की ओर संकेत करते और अपनी पूर्णता प्राप्त करते हैं |

पवित्र बाइबिल के अनुसार एक विधान के लिए निम्न बातें जरुरी हैं –

  • दो पक्ष
  • एक मध्यस्त
  • बलि-वेदी
  • बलि-वास्तु – जानवर
  • आग / अग्नि

पवित्र बाइबिल के हर विधान के दो पहलु होते हैं –

  • ईश्वर की प्रतिज्ञा
  • ईश्वर के नियम / शर्त

लहू विधान की मुहर को दर्शाता है |

कलवारी विधान में प्रभु येसु ही स्वयं मध्यस्त (पुरोहित), बलि-वेदी और बलि-वास्तु (ईश्वर का मेमना) हैं | इस विधान के द्वारा ईश्वर की प्रतिज्ञा यह है कि जो कोई उनके पुत्र प्रभु येसु ख्रीस्त में विश्वास करेंगे, वे सब उनकी संतान बना दिए जायेंगे |

जैसे पहले देख चुके हैं कि कलवारी बलिदान ही पवित्र यूखरिस्तीय (मिस्सा) बलिदान है | इसलिए हर मिस्सा बलिदान इस कलवारी विधान का नवनीकरण है |

इस महान रहस्य को और भी गहराई से जानने और समझने पूरे वीडियो को देखिये |