Introduction to Romans in Hindi
रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र ख्रीस्तीय विश्वास का सार कहा जा सकता है। सुसमाचारों में हम प्रभु येसु के जीवन और शिक्षा को पढ़ सकते हैं।
उन बातों की व्याख्या प्रारंभिक कलीसिया में कैसे की जाती थी और ख्रीस्तीय विश्वास की धारणाएँ कैसे उत्पन्न हुईं इनको जानने हमें पत्रों को ध्यान से पढ़ना होगा।
पवित्र बाइबिल में कुल 27 पुस्तकें हैं। इन में 4 सुसमाचार, एक इतिहासिक ग्रन्थ और एक भविष्यवाणी का ग्रन्थ (प्रकाशना ग्रन्थ) हैं और 21 पत्र हैं।
इन 21 पत्रों में से 13 केवल संत पौलुस के हैं। ख्रीस्तीय विश्वास की सबसे महत्वपूर्ण बातें संत पौलुस और संत योहन के लेखों से उत्पन्न हुई हैं।
रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र संत पौलुस के सभी लेखों का सार है। इस में चुनाव, विश्वास, नियम (संहिता), जीवन, धार्मिकता, मुक्ति, पाप और आत्मा के बारे में हमें जानकारी मिलती है।
रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र को निम्न खंड में बाँटा जा सकता है :- |
- सृष्टि
- आदम और प्रभु येसु ख्रीस्त
- बपतिस्मा संस्कार
- मनुष्य के आतंरिक संघर्ष
- पवित्रीकरण और भावी महिमा
- ईश्वर और इस्राएल
- उपसंहार
इस महत्वपूर्ण पत्र को बेहतर समझने और इस में छुपे हुए रहस्यों को समझने पूरे वीडियो को जरूर देखिए।