स्तोत्र ग्रन्थ – 125

Psalm 125 || भजन संहिता 125

1) जो प्रभु पर भरोसा रखते हैं, वे सियोन पर्वत के सदृश हैं, जो अटल है और सदा बना रहता है।

2) येरूसालेम पर्वतों से घिरा हुआ है: प्रभु इसी तरह अपनी प्रजा को घेरे रहता है, अभी और अनन्त काल तक!

3) धर्मियों के देश पर अयोग्य राजदण्ड का भार नहीं टिकेगा। धर्मी अपराध की ओर अपना हाथ बढ़ायेंगे।

4) प्रभु! भक्तों की भलाई कर। निष्कपट मनुष्यों की भलाई कर।

5) किन्तु जो कुटिल मार्गों पर भटकते हैं, प्रभु उन्हें कुकर्मियों के साथ निकालेगा। इस्राएल को शान्ति!

The Content is used with permission from www.jayesu.com

भजन संहिता (स्तोत्र ग्रन्थ) को अच्छे से समझने इसके परचिय पर बनाये गए वीडियो को देखिये।