संस्कार

काथलिक संस्कार
संस्कार ख्रीस्त के ईश्वर से “आने वाली शक्तियाँ” हैं, जो सदैव जीवित एवं जीवनदायी है। ये ख्रीस्त के शरीर अर्थात् कलीसिया में, पवित्र आत्मा के कार्य हैं। ये नये और अनन्त विधान में “ईश्वर के सर्वश्रेष्ठ कार्य” हैं । (CCC: 1116)

हमारा मुक्ति इतिहास कुछ और नहीं बल्कि वह इतिहास है जिसके अनुसार ईश्वर हमारे बीच आये। ईश्वर का यह कदम, एकमात्र मध्यस्थ येसु ख्रीस्त के मुक्ति कार्य द्वारा, उसके और हम मनुष्यों के बीच की खाई को भरने के लिए था। ईश्वर मुक्ति का यह कार्य ख्रीस्त के कलीसिया के माध्यम से अपनी कृपायें प्रदान करते हैं। यह कृपायें हमें चिन्हों के माध्यम से प्राप्त होती हैं जिसे ख्रीस्त ने कलीसिया को प्रदान किया है। अतः संस्कार कलीसिया “के द्वारा” और कलीसिया “के लिए” हैं। कलीसिया “के द्वारा” क्योंकि यहीं ख्रीस्त, पवित्र आत्मा के द्वारा अपने कार्य करते हैं। कलीसिया “के लिए” क्योंकि ये संस्कार कलीसिया को बनाते हैं । (CCC: 1118)

प्रभु येसु, अपने सभी मुक्ति कार्यों को संस्कारों के रूप में स्थापित कर, अपनी कलीसिया को सौंपे | संस्कार सात हैं – बपतिस्मा, दृढीकरण, पवित्र यूखरिस्त, विवाह, पुरोहिताई, मेल-मिलाप, और रोगी-मलन |

इन्हें तीन भागों में बाँटा जाता है –

प्रारंभिक संस्कार
सेवा संस्कार
चंगाई संस्कार