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1 योहन 03

योहन का पहला पत्र – अध्याय 03 हम ईश्वर की सन्तान हैं 1) पिता ने हमें कितना प्यार किया है! हम ईश्वर की सन्तान कहलाते हैं और हम वास्तव में वही हैं। संसार हमें नहीं पहचानता, क्योंकि उसने ईश्वर को नहीं पहचाना है। 2) प्यारे भाइयो! अब हम ईश्वर की सन्तान हैं, किन्तु यह अभी …

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मत्ती अध्याय 08

सन्त मत्ती का सुसमाचार – अध्याय 08 कोढ़ी को स्वास्थ्यलाभ 1) ईसा पहाडी से उतरे। एक विशाल जनसमूह उनके पीछे हो लिया। 2) उस समय एक कोढ़ी उनके पास आया और उसने यह कहते हुए उन्हें दण्डवत् किया, “प्रभु! आप चाहें, तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं”। 3) ईसा ने हाथ बढा कर यह कहते …

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