Introduction to St. Matthew in Hindi
सुसमाचार का अर्थ खुशखबरी या शुभ सन्देश है | प्रभु येसु अपने जन्म, जीवन, शिक्षा, कार्य, दुखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा हमें पापों से मुक्त किये और ईश्वर की संतान बना लिए हैं | यही है सभी मनुष्यों के लिए खुशखबरी या शुभ सन्देश |
पवित्र बाइबिल का अध्ययन करना ईश-वचन को जानने का बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है | पवित्र बाइबिल में चार सुसमाचार हैं – सन्त मत्ती, सन्त मारकुस, सन्त लूकस और सन्त योहन द्वारा रचित हैं |
इस पवित्र बाइबिल के अध्ययन में सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के बारे में सीखेंगे | सन्त मत्ती प्रभु येसु के 12 प्रेरितों में से एक थे | सन्त मत्ती प्राथमिक रूप से यहूदियों के लिए यह पुस्तक लिखे हैं |
बाइबल अध्ययन कैसे करें? सन्त मत्ती रचित सुसमाचार का परिचय द्वारा हम “सन्त रचित सुसमाचार” पुस्तक की निम्न महत्त्वपूर्ण बातों पर मनन करेंगे :-
1) लेखक
सन्त मत्ती
मत्ती का अर्थ “ईश्वर का वरदान है”
2) लिखने की तिथि और स्थान
3) पाठक
यूनानी भाषा-भाषी यहूदियों के लिए
कैसे पता चलता है?
- पुराने विधान को पूरा होते दर्शाना
- प्रभु येसु इब्राहीम का वंशज (1:1-17)
- यहूदी रीति-रिवाज को नहीं समझाना
- शब्दाली
- यहूदियों के ईश्वर का नाम नहीं लेना
- प्रभु येसु दाऊद के पुत्र (1:1; 9:27; 12:23, 15:22, 20:23, 30-31; 21:9, 15; 22:41-45)
समस्त संसार के लिए भी
- गैर यहूदी ज्योतिषी (2:1-12)
- दृष्टान्त – “खेत संसार है” (13:38)
- सब राष्ट्रों को शिष्य बनाने का आदेश (28:18-20)
4) लक्ष्य / उद्देश्य
प्रभु येसु को मसीह प्रमाणित करना
9 बार नबियों और अन्य ग्रंथों का हवाला
5) संरचना
प्रवचन – पाँच बड़े खण्डों में बांटा गया है
प्रवचन के पांच खंड
- अध्याय 5-7
- अध्याय 10
- अध्याय 13
- अध्याय 18
- अध्याय 24-25
प्रभु येसु नये विधान का मूसा
पंच ग्रन्थ
सन्त मत्ती रचित सुसमाचार का मुख्य विषय :-
- मसीह
- इब्राहीम की सन्तान
- दाऊद के पुत्र
- दूसरा मूसा
इन सभी बातों को और इनसे जुड़ी बातों को जानने पूरा वीडियो देखिये |