Learn To Pray in Hindi
प्रभु येसु से प्रार्थना करना सीखें | आप किस से प्राथना करना सीखना चाहते हैं ? हमें तो प्रभु येसु से प्रार्थना करना सीखना चाहिए |
“फ़रीसी और नाकेदार के दृष्टान्त” के माध्यम से प्रभु येसु प्रार्थना करने से शिक्षा देते हैं | इस घटना को हम लूकस 18:19-14 में पढ़ सकते हैं |
फ़रीसी का उदाहरण देते हुए प्रभु येसु हम से कहते हैं कि हमें उसके समान प्रार्थना नहीं करनी चाहिए | क्योंकि वह ईश्वर के पास जा कर अपने बारे में बातें की और अपनी तुलना दूसरों के साथ किया | वह ईश्वर का दर्शन नहीं कर पाया और न ही अपने पापों से मुक्ति पा सका |
जबकि नाकेदार ईश्वर का दर्शन किया और उनके सामने अपने आपको अयोग्य पाया | और उसने कहा, “मुझ पापी पर दया कर” (लूकस 18:13)। सिमोन पेत्रुस भी प्रभु येसु का दर्शन पाकर, ईसा के चरणों पर गिर कर कहा, “प्रभु! मेरे पास से चले जाइए। मैं तो पापी मनुष्य हूँ।” (लूकस 5:8)
प्रभु येसु चाहते हैं कि हम इस नाकेदार से प्रार्थना करना सीखें |
हमारी प्रार्थनाओं को शक्तिशाली, प्रभावशाली और फलदायी बनाने पूरे वीडियो को देखें और सीखें |
लूकस 18:19-14 फ़रीसी और नाकेदार का दृष्टान्त 9) कुछ लोग बड़े आत्मविश्वास के साथ अपने को धर्मी मानते और दूसरों को तुच्छ समझते थे। ईसा ने ऐसे लोगों के लिए यह दृष्टान्त सुनाया, 10) "दो मनुष्य प्रार्थना करने मन्दिर गये, एक फ़रीसी और दूसरा नाकेदार। 11) फ़रीसी तन कर खड़ा हो गया और मन-ही-मन इस प्रकार प्रार्थना करता रहा, ’ईश्वर! मैं तुझे धन्यवाद देता हूँ कि मैं दूसरे लोगों की तरह लोभी, अन्यायी, व्यभिचारी नहीं हूँ और न इस नाकेदार की तरह ही। 12) मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूँ और अपनी सारी आय का दशमांश चुका देता हूँ।’ 13) नाकेदार कुछ दूरी पर खड़ा रहा। उसे स्वर्ग की ओर आँख उठाने तक का साहस नहीं हो रहा था। वह अपनी छाती पीट-पीट कर यह कह रहा था, ‘ईश्वर! मुझ पापी पर दया कर’। 14) मैं तुम से कहता हूँ - वह नहीं, बल्कि यही पापमुक्त हो कर अपने घर गया। क्योंकि जो अपने को बड़ा मानता है, वह छोटा बनाया जायेगा; परन्तु जो अपने को छोटा मानता है, वह बड़ा बनाया जायेगा।"