जवान भले ही थक कर चूर हो जायें और फिसल कर गिर पड़ें,
किन्तु प्रभु पर भरोसा रखने वालों को नयी स्फूर्ति मिलती रहती है।
वे गरुड़ की तरह अपने पंख फैलाते हैं; वे दौड़ते रहते हैं,
किन्तु थकते नहीं, वे आगे बढ़ते हैं, पर शिथिल नहीं होते।
इसायाह का ग्रन्थ 40:30-31