स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना – पहला दिन
विषय :- पापियों की शरण
वेलांकन्नी में माता मरियम 16 वीं और 17 वीं सदियों में तीन बार दर्शन दीं। माता मरियम समय समय पर लोगों को दर्शन देकर ईश्वर की इच्छा प्रकट करतीं या लोगों की मदद करतीं।
भारत देश के तमिलनाडु में नागपट्टिनम जिले के वेलांकन्नी नामक जगह पर तीन बार दर्शन दीं।
प्रभु जिस माँ को क्रूस पर मरते समय हमारी माँ के रूप में दिए, वह माँ हमारा देख-रेख करती हैं।
08 सितम्बर माँ मरियम का जन्मोत्सव है। भारत के विश्वासी – ख्रीस्तीय और गैर-ख्रीस्तीय सभी – 30 अगस्त से लेकर 08 सितम्बर तक वेलांकन्नी माता के महोत्सव के रूप में मानते हैं।
08 सितम्बर की तैयारी में “स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना” के रूप में मनाते हैं। इस तैयारी को और सफल बनाने हम उसका वीडियो बनाये हैं।
हर दिन माँ मरियम के जुड़े एक विशेष विषय पर मनन-चिंतन और उसके बाद “स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना” होगा।
पहला दिन का विषय – “धन्य कुँवारी मरियम : पापियों की शरण” है। The Blessed Virgin Mary : The Refuge of Sinners.
हम हर कोई पापी हैं। माँ के गर्भ में से ही हम पापी हैं। राजा दाऊद कहते हैं,
“मैं तो जन्म से ही अपराधी, अपनी माता के गर्भ से ही पापी हूँ।”
(अध्याय 51:7)
उन्हीं का पुत्र सुलेमान, जो सबसे ज्ञानी पुरुष माने जाते हैं, कहते हैं,
“जब इस्राएली तेरे विरुद्ध पाप करेंगे-क्योंकि ऐसा कोई नहीं है, जो पाप न करे- और तू उन पर क्रोध कर उन को विरोधियों के हाथ दे दे और उनके शत्रु उन्हें बन्दी बना कर अपने दूर या निकट देश ले जायें”।
(राजाओं का पहला ग्रन्थ 08:46)
प्रभु येसु का प्रिय शिष्य योहन कहते हैं, “यदि हम कहते हैं कि हम निष्पाप हैं, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं है।” (योहन का पहला पत्र 1:8)
संत पौलुस कहते हैं,
“एक ही मनुष्य द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ और पाप द्वारा मृत्यु का। इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गयी, क्योंकि सब पापी है।”
(रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 5:12)
पवित्र बाइबिल के इन वचनों से यह बात स्पष्ट है कि हम हर व्यक्ति पापी है।
लेकिन हम कैसे कह सकते हैं “धन्य कुँवारी मरियम : पापियों की शरण” हैं? ईश्वर का पुत्र स्वयं एक शरणार्थी थे। वे अपना घर छोड़ कर मनुष्यों के बीच आये और वे धन्य कुँवारी मरियम के गर्भ को और फिर उनके घर को अपना अपनी शरण और अपना निवास बनाया।
इससे बढ़ कर धन्य कुँवारी मरियम हम सब की माँ भी हैं। स्वर्गदूत गाब्रिएल और धन्य कुँवारी मरियम के बीच के वार्तालाब से यह बात और स्पष्ट हो जाती है।
28) स्वर्गदूत मे उसके यहाँ अन्दर आ कर उससे कहा, “प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री! प्रभु आपके साथ है।”
29) वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचती रही कि इस प्रणाम का अभिप्राय क्या है।
30) तब स्वर्गदूत ने उस से कहा, “मरियम! डरिए नहीं। आप को ईश्वर की कृपा प्राप्त है।
31) देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उनका नाम ईसा रखेंगी।
32) वे महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा,
33) वे याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अन्त नहीं होगा।”
34) पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है।”
35) स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वे पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।
(सन्त लूकस का सुसमाचार 01:28-35)
इस रहस्य को समझने पूरे वीडियो को देखिये।
इसके बाद “स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना” जो निम्न 4 भागों में बाँटा गया है :-
- स्वास्थ्य की माता की स्तुति विनती
- वेलांकनी माता से रोगियों की प्रार्थना
- आत्मा–शरीर की जरूरतों में प्रार्थना
- वेलांकनी माता से नौरोजी प्रार्थना