ईश्वर से कैसे प्यार करें ?

To fall in love with God is the greatest romance

The Greatest Romance

संत अगस्टीन महान संत मोनिका के बेटे हैं। संत मोनिका ने अपने पहलौठे पुत्र के लिए अठारा साल प्रार्थना कर उन्हें प्रभु के राह पर ले आयी।

आगे चल कर संत अगस्टीन एक पुरोहित और धर्माध्यक्ष बने। वे एक दार्शनिक थे। उनके लेखों को गैर ख्रीस्तीय लोग भी पढ़ना पसंत करते हैं। वे कलीसिया के महान आचार्यों में भी गिने जाते हैं।

दुनियाई जीवन में और अधर्म के मार्ग पर चलने वाले संत अगस्टीन प्रभु के प्रेम को अनुभव करने के बाद कहते हैं :-

“ईश्वर से प्यार करना सबसे बड़ा रोमांस है; उन्हें ढूंढना सबसे साहसिक कार्य; उन्हें पाना सबसे बड़ी मानवीय उपलब्धी।”

“To fall in love with God is the greatest romance;

to seek him the greatest adventure;

to find him, the greatest human achievement.”

क्या आपको प्यार किया जाना पसंद है? हम चाहते हैं कि लोग, विशेष रूप से कुछ विशेष लोग।

आपका क्या विचार है? ईश्वर आपसे कितना प्यार करते होंगे? ईश्वर सर्वशक्तिमान हैं तो उनका हर कार्य इस सच्चाई को प्रकट करना चाहिए।

अपनी शक्ति से कम ईश्वर हमसे प्यार नहीं करते हैं। इसलिए स्वयं प्रभु येसु ने अपने पिता के प्रेम का वर्णन करते हुए कहते हैं,

“ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने इसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो उस में विश्वास करता हे, उसका सर्वनाश न हो, बल्कि अनन्त जीवन प्राप्त करे।” (सन्त योहन 3:16)

इसका अर्थ यह है कि ईश्वर आपसे और मुझ से असीम प्यार करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी उनके इस असीम प्रेम का अनुभव करने कोशिश किया है? 

यदि अनुभव किये हैं, तो उस प्यार के क्या-क्या गुण होंगे? क्या उस सूची में भावनात्मक और रोमांटिक भी हैं या नहीं?

क्या हम भी ईश्वर को वैसे ही प्यार कर सकते हैं?

ईश्वर के इस प्रेम में बहुत रिस्क भी है।

ईश्वर से प्यार करने का अपने अनुभव से संत अगस्टीन कहते हैं :-

“ईश्वर से प्यार करना सबसे बड़ा रोमांस है; उन्हें ढूंढना सबसे साहसिक कार्य; उन्हें पाना सबसे बड़ी मानवीय उपलब्धी।”

क्या आप भी ईश्वर से रोमांस करना चाहते हैं?