Velankanni Mother Mary Novena in Hindi – DAY 07

Velankanni Mother Mary Novena in Hindi – DAY 7

स्वास्थ्य की माता वेलांकनी की नौरोजी प्रार्थना – सातवां दिन

विषय :- धन्य कुँवारी मरियम : नये विधान की मंजूषा

मंजूषा के द्वारा ईश्वर इस्राएलियों बीच अपनी उपस्तिथि बनाये रखे। वह पुराने विधान की मंजूषा थी। नए विधान में हम वास्तविक मंजूषा को देख सकते हैं। धन्य कुँवारी मरियम ही नये विधान की मंजूषा हैं।

ईश्वर मूसा को दिखाए कि वह मंजूषा कैसे दिखना चाहिए। उस मंजूषा में “धूपदान की स्वर्ण से मढ़ी हुई मंजूषा थी। मंजूषा में मन्ना से भरा हुआ स्वर्णमय पात्र था, हारून की छड़ी थी, जो पल्लवित हो उठी थी और विधान की पाटियाँ थी” (इब्रानियों के नाम पत्र 9:4)

पुराने विधान के मन्ना, छड़ी और विधान की पाटियाँ केवल पूर्वाभास थे। ये तीनों प्रभु येसु की ओर इंगित करते हैं।

मन्ना – प्रभु येसु ही स्वर्ग से उतरी जीवंत रोटी। यह पुरोहिताई का भी चिन्ह है।

छड़ी – राजा का चिन्ह है। प्रभु येसु ही वास्तविक राजा हैं।

विधान की पाटियाँ – प्रभु का नबी होने का चिन्ह है।

पुराने विधान की मंजूषा मनुष्यों के हाथों से बनायी गयी थी। ईश्वर के हाथों से बनायी गयी सच्ची मंजूषा स्वयं ईश्वर की माँ मरियम हैं। उन्हीं के गर्भ में सच्चा पुरोहित, राजा और नबी प्रभु येसु वास्तव में नौ महीनों तक इस मंजूषा में निवास किये।

लेकिन आज के परिवेश में इसका मतलब क्या है और इसका हमरे जीवन में क्या महत्त्व है?

और धन्य कुँवारी मरियम ही वास्तविक मंजूषा हैं जो प्रकाशना ग्रन्थ (11:19) में दिखायी देती हैं जिसको नबी यिरमियाह 587 में एक गुफा में छुपाया।

इस महान रहस्य को जानने और इसका पूरा लाभ उठाने पूरा वीडियो देखिये।

वेलांकन्नी में माता मरियम 16 वीं और 17 वीं सदियों में तीन बार दर्शन दीं। माता मरियम समय समय पर लोगों को दर्शन देकर ईश्वर की इच्छा प्रकट करतीं या लोगों की मदद करतीं।

भारत देश के तमिलनाडु में नागपट्टिनम जिले के वेलांकन्नी नामक जगह पर तीन बार दर्शन दीं।

प्रभु जिस माँ को क्रूस पर मरते समय हमारी माँ के रूप में दिए, वह माँ हमारा देख-रेख करती हैं।